पितृतंत्र तथा सामाजिक विकास के संबंध को आप कैसे समझते हैं


क्या पारंपरिक सामाजिक संस्थायें समकालीन समाज में सामाजिक परिवर्तन के कारक के रूप में शक्तिहीन होती जा रही हैं? सिद्ध करिये।


समाजशास्त्री समावेशी विकास के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लोकतंत्रीकरण का तर्क देते हैं। टिप्पणी कीजिए।


सामाजिक नीतियों के निरूपण में दबाव समूहों की भूमिका को सोदाहरण स्पष्ट कीजिए ।


नव सामाजिक आंदोलन दृष्टिकोण से 'पर्यावरणवाद' की व्याख्या कैसे की जा सकती है? विवेचना कीजिए ।


सामाजिक व्यवस्था के रूप में समाज संबंधित पारसंस के विचारों का समालोचनात्मक विश्लेषण कीजिए ।


समकालीन भारतीय समाज में लघु परंपरा तथा महान परंपरा किस प्रकार सह-अस्तित्व में हैं?


विचारधारा आधारित राजनीति से अस्मिता आधारित राजनीति के संक्रमण के स्वरूप का विश्लेषणकीजिए ।


मीड के अनुसार आत्मन् का विचार तब विकसित होता है जब व्यक्ति आत्म सचेतन हो जाता है। स्पष्ट कीजिए


विकास के परिप्रेक्ष्यों में सामाजिक परिवर्तन का मार्ग निर्धारण कीजिए ।